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विधुत से सम्बंधित परिभाषा - आवृति ,चक्र , फेज ,न्यूट्रल और अर्थ |

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विधुत से सम्बंधित  परिभाषाये-                      1.आवृति,  2. आवर्तकाल , 3.चक्र , 4.फेज , 5. न्यूट्रल , 6. अर्थ . 1. आवृति (Frequency):-   एक सेकंड में Alternating Current की जितनी चक्र ( Cycle ) बनती है वह आवृति कहलाती है | अथवा Alternating Current द्वारा एक सेकंड में पूर्ण किये गए चक्रो कि संख्या ,उसकी आवृति कहलाती है |                                      इसे ' f ' से प्रदर्शित करते है तथा इसकी मात्रक हर्ट्ज़ (Hz ) { प्रति सेकंड }है |                                                                                           f =1/T               ...

चालक ,कुचालक और अर्द्धचालक पदार्थ किसे कहते है ?

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चालक, कुचालक तथा अर्द्धचालक पदार्थ के बारे में जानकारी - किस प्रकार के पदार्थ में से विधुत धारा का प्रभाव होता है , किसी में नहीं होता है और किसी में कम होता है |  इस आधार पर पदार्थ को तीन भागो में विभाजित किया गया है | 1. चालक अथवा सुचालक (Conductor or Good Conductor ) 2.अचालक  अथवा कुचालक  (Bad Conductor ) 3. अर्द्धचालक    (Semiconductor ) 1. चालक अथवा सुचालक (Conductor or Good Conductor ):- ऐसे पदार्थ जिनमे से विधुत धारा का                                                                                                                प्रवाह बहुत आसानी से ,बिना किसी रुकावट के विधुत धारा का प्रवाह होता है ,उन्हें चालक अथवा सुचालक कहते है|   ...

रेफ्रिजिरेशन की संछिप्त जानकारी |

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                        रेफ्रिजिरेशन का इतिहास फ्रीज़ आने से पहले लोग यह सोचते थे| कि  खाद्य पदार्थ को ज्यादा दिनों तक सुरछित कैसे रखा जाये | क्योंकि खाद्य पदार्थो को ऐसे ज्यादा दिनों तक रखने पर वातावरण में मौजुद बैक्टीरिया व  सूक्ष्म   जीवाणु के कारण खाद्य  प दार्थ ख़राब हो जाता था |          क्योंकि ये बैक्टीरिया और माईक्रोव गर्म वातावरण में अधिक उत्पन्न होते हैं  उस समय ज्यादा तर खाद्य  पदार्थ  की नमी  सुखाकर रखा  जाता था |         जब लोगो ने विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थो मछली ,मांस ,फल ,सब्जी इत्यादी का महत्व समझा तब से वैज्ञानिक खाद्य पदार्थो को सुरछित रखने का उपाय करने लगे |        पहले इन खाद्य पदार्थो को गुफा व खोखले स्थानों पर रखते थे क्योंकि वहां पर तापक्रम बाहर कि वायु से कम होता था | वहां पर खाद्य पदार्थ सुरछित तो रहता था लेकिन ज्यादा दिनों तक नहीं रह पता था |... REFRIGERATO...

विधुत के प्रकार व उसका विवरण

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1. विधुत के प्रकार -        विधुत दो प्रकार की होती हैं |                                      1.स्थिर विधुत (Static Electricity )                              2.अस्थिर विधुत (Dynamic Electricity ) 1.स्थिर विधुत - यह घर्षण विधुत कहलाती हैं जो घर्षण द्वारा पैदा की जाती हैं | जब दो हाथों को परस्पर रगडा जाता हैं तो उसमें स्थिर विधुत पैदा हो जाती हैं | इसी प्रकार कांच कि छड को  रेशम से रगड़ने पर विधुत पैदा कि जाती हैं परन्तु यह विधुत एक स्थान से दुसरे स्थान तक नहीं ले जाई जा सकती हैं | इसी कारन  यह  उपयोग नहीं की जाती हैं | 2.अस्थिर विधुत - यह विधुत एक स्थान से दुसरे स्थान पर आसानी से ले जाई जा सकती है| यह फैराडे के सिद्धान्त पर उत्पन्न होती  है |    यह दो प्रकार का होता है |      1.दिष्ट धारा (Direct Current ) :- यह D.C. जनरेटर या ...

विधुत का इतिहास क्या हैं?

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1. विधुत का इतिहास   आज से लगभग 2500 वर्ष पहले थेल्स नामक वैज्ञानिक ने ही विधुत को जन्म दिया जो यूनान के थे उन्होंने ये पता लगाया कि अम्बर( इलेक्ट्रान ) को रेशम से रगडा जाये तो उसमे आकर्षण पैदा हो जाता हैं जिससे कागज के छोटे -छोटे टुकडे आकर्षित हो जाते हैं | इसी नाम के आधार पर आकर्षित करने वाले गुण को इलैक्ट्रिसिटी  रखा गया | इनके पश्चात एलिजाबेथ के गिलबर्ट नामक वैज्ञानिक ने पूर्व प्रयोगों के आधार पर अनेको प्रयोग किये | इनके अनुभवों के आधार पर अनेको वैज्ञानिको ने लाभ उठाया |स्टीफन ग्रे वैज्ञानिक ने अपने प्रयोगों द्वारा बताया कि दो वस्तुओ कि रगड से विधुत उत्पन होने लगती हैं परन्तु वह स्थिर विधुत (Static Electricity ) होती  हैं |      स्थिर विधुत के ज्ञान से अधिक लाभ नहीं हुआ परन्तु गेलवनी नामक वैज्ञानिक  ने रासायनिक विधि से विधुत प्राप्त करने के अनेको प्रयोग किये | जिनका लाभ इटली के वोल्टा नामक वैज्ञानिक ने उठाया |उन्होंने ने कांच के वर्तन में हल्का गंधक का तेजाब भरा और ताँबे व जस्ते कि दो छडे इसमे डाल दी |उसके  बाद उन्होंने देखा कि द...