विधुत के प्रकार व उसका विवरण



1. विधुत के प्रकार -       विधुत दो प्रकार की होती हैं |
       
                             1.स्थिर विधुत (Static Electricity )

                            2.अस्थिर विधुत (Dynamic Electricity )




1.स्थिर विधुत - यह घर्षण विधुत कहलाती हैं जो घर्षण द्वारा पैदा की जाती हैं | जब दो हाथों को परस्पर रगडा जाता हैं तो उसमें स्थिर विधुत पैदा हो जाती हैं | इसी प्रकार कांच कि छड को  रेशम से रगड़ने पर विधुत पैदा कि जाती हैं परन्तु यह विधुत एक स्थान से दुसरे स्थान तक नहीं ले जाई जा सकती हैं | इसी कारन  यह  उपयोग नहीं की जाती हैं |

2.अस्थिर विधुत - यह विधुत एक स्थान से दुसरे स्थान पर आसानी से ले जाई जा सकती है| यह फैराडे के सिद्धान्त पर उत्पन्न होती  है |
   यह दो प्रकार का होता है |

    1.दिष्ट धारा (Direct Current ) :- यह D.C. जनरेटर या डायनेमो से उत्पन्न होती है जिसकी दिशा व मान सदैव समान रहती है |
         इसे सरल रेखा (Straight Line ) से प्रदर्शित किया जाता हैं | Direct Current को सैल या बैटरी से प्राप्त किया जाता  है  इसका एक सिरा Positive ( + ) तथा दूसरा सिरा Negative ( - ) होता हैं |

Direct Current Symbol 
       
Direct Current flow 



   2.प्रत्यावर्ती धारा (Alternating Current):- प्रत्यावर्ती धारा की दिशा और मान समय के अनुसार बदलती रहती हैं एक स्थिति में इस विधुत धारा की मान अधिकतम और दूसरी स्थिति में शून्य हो जाती हैं | इसके बाद यही क्रम विपरीत दिशा में चलता है | दोनों दिशाओ में आने के कारण इस Current कि गति का आकार तरंग की आकृति जैसा होता है |
एक सेकण्ड में AC की 50 तरंगे उत्पन्न होती है इसी आधार पर AC कि आवृत्ति (frequency) 50 C/S {C/S- cycle/second }होती है |



Alternating Current Symbol 



AC का एक सिरा फेज (Phase) तथा दूसरा सिरा न्यूट्रल (Neutral) कहलाता है | 

अत: इसका मात्रक हर्ट्ज़ (Hz) होता हैं , AC के Frequency को Cycle/second न कह कर 50 हर्ट्ज़  कहाँ जाता है |




Alternating Current Flow




Note :-  * AC को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में बहुत कम खर्च होता हैं|  लेकिन DC बहुत अधिक                      खर्च  होता हैं |

             * AC का प्रयोग करते समय फेज तथा न्यूट्रल का ध्यान न दे इसे उल्टा या सीधा जोड़े तब भी कोई                     बात नहीं | लेकिन DC का प्रयोग करते समय   + और  - का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता हैं |
            *  AC का पूरा नाम - Alternating Current  ( प्रत्यावर्ती धारा )
            *  DC का पूरा नाम -Direct Current  ( दिष्ट धारा )


DC के लाभ :-
                   AC कितनी भी अच्छी क्यों न हो , फिर भी DC के उपयोग को नकारा नही जा सकता हैं कुछ ऐसे उपकरण भी है जो केवल DC से ही चलाये जा सकते है| इलेक्ट्रानिक्स उपकरण DC supply से ही चलते है |
इसके अलावा इलेक्ट्रिकल उपकरणों में भी आजकल इलेक्ट्रानिक सर्किट का भी  प्रयोग होने लगा है
अत: इन सर्किटो के लिए DC supply की आवश्यकता होती हैं |




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